Elon Musk का Twitter अधिग्रहण: ₹3.5 लाख करोड़ का सफर!
अक्टूबर 2022 में Elon Musk ने Twitter को $44 बिलियन (₹3.5 लाख करोड़) में खरीदकर इतिहास रच दिया। 30 महीने बाद, क्या यह डील सफल रही? आइए जानते हैं पूरी कहानी...
1. बैकग्राउंड: "सबसे महंगा मजाक"
अप्रैल 2022 में Elon Musk ने Twitter पर एक मजाक किया:
कुछ ही दिनों बाद, उन्होंने Twitter के बोर्ड को $54.20 प्रति शेयर की ऑफर दी। शुरू में Twitter ने इसे "Poison Pill" रणनीति से रोकने की कोशिश की, लेकिन अंततः डील पूरी हुई।
क्यों खरीदा Twitter?
- Free Speech को बढ़ावा देना
- Bot Accounts पर रोक
- एक "Super App" बनाने की इच्छा (X.com की दृष्टि)
2. पहले 6 महीने: "ट्विटर 2.0" का संकट
अधिग्रहण के तुरंत बाद Musk ने बड़े फैसले लिए:
मुख्य परिवर्तन:
- Blue Tick Verification का पेड मॉडल (₹900/माह)
- Twitter Blue की शुरुआत
- 75% कर्मचारियों की छंटनी
- सर्वर कॉस्ट में कटौती
इन बदलावों से प्लेटफॉर्म पर अराजकता फैल गई। कई ब्रांड्स ने विज्ञापन वापस ले लिए, और Twitter की revenue 40% गिर गई।
3. X.com की दिशा में: "Everything App" का सपना
2023 में Musk ने Twitter का नाम बदलकर X कर दिया। उनकी योजना थी:
- Payments और Banking सुविधाएँ
- YouTube जैसी Video Platform
- AI Integration (xAI)
4. 2025 की स्थिति: क्या सफल रहा?
सफलताएँ:
- Subscription Revenue में वृद्धि
- AI Tools का Integration (Groq)
- Political Campaigns के लिए प्राथमिक प्लेटफॉर्म
चुनौतियाँ:
- Brand Safety को लेकर चिंताएँ
- EU Regulations के साथ टकराव
- Threads (Meta) और Bluesky जैसे Competitors
निष्कर्ष: "High Risk, High Reward"
Elon Musk का Twitter अधिग्रहण एक साहसिक कदम था। हालांकि शुरुआती संकटों के बावजूद, X अब धीरे-धीरे एक मल्टी-फंक्शन प्लेटफॉर्म के रूप में उभर रहा है। क्या यह ₹3.5 लाख करोड़ के निवेश के लायक था? समय ही बताएगा!
Final Verdict: अभी तक का सफर 50% सफल, 50% संघर्ष!