53 साल बाद धरती पर गिरा सोवियत युग का अंतरिक्ष यान: स्पेस मिस्ट्री का अंत!

53 साल बाद धरती पर गिरा सोवियत युग का अंतरिक्ष यान: स्पेस मिस्ट्री का अंत!
सोवियत अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर वापस गिरता हुआ

53 साल बाद धरती पर गिरा सोवियत युग का अंतरिक्ष यान: स्पेस मिस्ट्री का अंत!

प्रकाशित: 11 मई, 2025 | श्रेणी: Space Exploration

शनिवार को एक ऐतिहासिक घटना घटी जब सोवियत युग का एक spacecraft 53 साल तक पृथ्वी की कक्षा में फंसे रहने के बाद वापस धरती पर गिर गया। यह अंतरिक्ष का एक ऐसा टुकड़ा था, जो अपने लॉन्च के बाद से ही भूल-भुलैया में खो गया था और अब आखिरकार अपनी यात्रा पूरी कर घर वापस आ गया।

शुक्र के लिए निकला था यह अंतरिक्ष यान

Kosmos 482 नाम का यह अंतरिक्ष यान 1972 में तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य था सौरमंडल के सबसे गर्म ग्रह Venus (शुक्र) का अध्ययन करना। लेकिन rocket malfunction के कारण यह कभी पृथ्वी की कक्षा से बाहर नहीं जा सका और वहीं फंसा रह गया।

Kosmos 482 spacecraft

Kosmos 482: सोवियत संघ का वीनस मिशन स्पेसक्राफ्ट जो 53 साल तक अंतरिक्ष में भटकता रहा

अंतरिक्ष विशेषज्ञों के अनुसार, इस यान का अधिकांश हिस्सा लॉन्च के एक दशक के भीतर ही वापस पृथ्वी पर गिर चुका था। लेकिन इसका spherical lander (गोलाकार लैंडर), जो लगभग 1 मीटर चौड़ा था और 495 किलोग्राम वजन का था, अब तक कक्षा में बना रहा। यह टाइटेनियम में बंद था, जिसके कारण इसके कुछ टुकड़े fiery descent के दौरान भी बच जाने की संभावना थी।

"यह अंतरिक्ष यान शुक्र ग्रह पर उतरने के लिए बनाया गया था—सौर मंडल के सबसे गर्म ग्रह पर। इसलिए इसे इतना मजबूत डिज़ाइन किया गया था कि पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने पर भी इसके कुछ हिस्से जीवित रह सकते थे।" - अंतरिक्ष वैज्ञानिक

कहां गिरा अंतरिक्ष यान?

Russian Space Agency और European Union Space Surveillance and Tracking दोनों ने इस अंतरिक्ष यान के नियंत्रण से बाहर होकर पृथ्वी पर गिरने की पुष्टि की है। रूसी अधिकारियों के अनुसार, यह Indian Ocean में गिरा, लेकिन कुछ विशेषज्ञ इसके सटीक स्थान को लेकर आश्वस्त नहीं हैं।

Spacecraft reentry illustration

अंतरिक्ष यान के पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश का कलात्मक चित्रण

European Space Agency के स्पेस डेब्रिस कार्यालय ने भी अंतरिक्ष यान के अंतिम क्षणों को ट्रैक किया था। जर्मनी के radar station पर यह दिखाई नहीं देने के बाद वैज्ञानिकों को इसके गिरने का आभास हुआ।

डच वैज्ञानिक मार्को लैंगब्रोक ने X (Twitter) पर कहा, "यदि यह हिंद महासागर में गिरा है, तो केवल व्हेल ही इसे देख पाई होंगी।" वैज्ञानिकों का मानना है कि इस घटना के दौरान किसी को नुकसान पहुंचने की संभावना बहुत कम थी।

अंतरिक्ष के इतिहास का अंत

Original Venus mission spacecraft design

वीनस मिशन के लिए डिज़ाइन किए गए मूल अंतरिक्ष यान का मॉडल

Kosmos 482 की वापसी space exploration के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह शीत युद्ध के दौरान अंतरिक्ष की दौड़ का एक प्रतीक था, जब सोवियत संघ और अमेरिका अंतरिक्ष में अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे।

संयुक्त राष्ट्र की संधि के अनुसार, अंतरिक्ष यान के बचे हुए किसी भी मलबे का मालिक रूस होगा। US Space Command ने अभी तक आधिकारिक रूप से अंतरिक्ष यान के विनाश की पुष्टि नहीं की है, जैसे वे कक्षा से डेटा एकत्र करके विश्लेषण कर रहे हैं।

यह स्पेसक्राफ्ट अन्य space debris से अलग था, क्योंकि यह पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने के बाद जीवित रहने की अधिक संभावना रखता था। इसके अलावा, यह बिना किसी नियंत्रण के वापस आया, जबकि सामान्यतः पुराने satellites और अन्य अंतरिक्ष कचरे को प्रशांत महासागर जैसे विशाल जल क्षेत्रों में गिराया जाता है।

53 साल की अंतरिक्ष यात्रा का समापन

Kosmos 482 की वापसी हमें याद दिलाती है कि अंतरिक्ष अन्वेषण का इतिहास कितना रोमांचक और चुनौतीपूर्ण रहा है। एक असफल मिशन, जो आज हमारे space tracking सिस्टम और प्रौद्योगिकी के विकास की कहानी बन गया है। हालांकि यह मिशन अपने मूल उद्देश्य को पूरा नहीं कर सका, लेकिन इसने वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने वाली वस्तुओं के व्यवहार का अध्ययन करने का अवसर प्रदान किया।

स्रोत: FRANCE 24 with AP

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